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Mamma Day, 2022 Brahmakumaris, Shreeraj complex, near Trikon Shivalay Mandir, Nehru Road, Ramgarh

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Preeti Diwan, Jila Parishad Sadashya, Dulmi Ramgarh Cantt
Kriti Gaurav, Vice President, Cantontment Board, Ramgarh
Speech of the programme: Biography and memories with Mamma
Theme of the programme: Mamma Day
Centre in charge: B K Nirmala

Brahmakumaris Ranchi

राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि जी की 18वीं पुण्यतिथि में एक भव्य रक्त दान शिविर का आयोजन

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राँची- आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के स्थानीय सेवाकेन्द्र चौधरी बगान, हरमू रोड में ब्रह्माकुमारीजी संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि जी की 18वीं पुण्यतिथि (25 अगस्त 2025) जिसे विश्व बंधुत्व दिवस के रूप में मनाया जाता है, के पूर्व संध्या में एक भव्य रक्त दान शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अभय अम्बष्ट (भा०प्र०से०) संयुक्त सचिव तथा दिव्यांग आयुक्त झारखंड ने स्वयं रक्त दान कर अपने विचार अभिव्यक्त करते हुए कहा कि दादी जी के स्मृति दिवस के उपलक्ष्य में संस्थान द्वारा भारत एवं नेपाल में एक विशाल रक्त दान अभियान चलाया जा रहा है जो कि एक बहुत ही सराहनीय कार्य है। इस आयोजन का उद्देश्य रक्त की आवश्यकता की पूर्ति करना है। इस महाअभियान का राष्ट्रीय शुभारंभ 17 अगस्त को नई दिल्ली में केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जे०पी० नड्डा द्वारा किया गया। राष्ट्रीय शुभारंभ के उपरांत भारत और नेपाल में रक्त शिविरों की शुरुआत की गई। जिसके अन्तर्गत 22 से 25 अगस्त 2025 तक पूरे देश में 1500 से अधिक ब्रह्माकुमारीज सेवाकेन्द्रों पर एक साथ विशाल रक्त दान शिविर आयोजित किए गए। इस अभियान का लक्ष्य एक लाख यूनिट रक्त एकत्रित करना है। इतने कम समय में यह लक्ष्य हासिल करना भारत के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड होगा। यह अभियान ब्रह्माकुमारीजी संस्थान की पूर्व मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि जी की 18वीं पुण्यतिथि को समर्पित है। यह महाअभियान ब्रह्माकुमारीजी संस्थान द्वारा भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय एवं अन्य स्थानीय संस्थाओं के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। इसी श्रृंखला में आज ब्रह्माकुमारी चौधरी बगान, हरमू रोड रक्त दान शिविर का आयोजन किया गया। यह आयोजन दादी जी के स्नेह, एकता, त्याग, तपस्या एवं सेवा की भावना को समाज में पुनः जागृत करने का माध्यम बनेगा।
रक्त दान शिविर में उपस्थित रमेश कुमार श्रीवास्तव पूर्व निदेशक रिस्म ने कहा कि आज के पवित्र अवसर पर ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में उपस्थित हुए हैं एक नया संदेश लेकर मानवता की सेवा मानवता के द्वारा। वैसे बहुत विश्व विद्यालय हैं जो जीवन जीने का साधन उपलब्ध करते हैं परंतु प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में हमें जीवन जीने की कला सिखाई जाती है, और आपको बताया जाता है कि किस लिए इस धरा पर आपका जन्म हुआ है उसका आप यहां आकर समझ सकते हैं। आज के कार्यक्रम के संबंध में मुझे यह कहना है कि यह ऐसा प्रयास है जिसको गीता में सुकर्म बताया है। यह सात्विक दान है अर्थात निस्वार्थ दान है। इसमें कोई इच्छा नहीं है कि इससे आपको क्या मिलेगा लेकिन जिसे यह प्राप्त होता है उसे पता नहीं होता कि किसने मेरे लिए यह सौगात भेजा है। किसने मुझे जीवन दान दिया है। यह एक प्रयास है उन लोगों को नया जीवन देने का जिनको रक्त की आवश्यकता होती है। रक्त दान से होने वाले लाभ के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि रक्त दान करने से हमें नुकसान नहीं बल्कि फायदा होता है। रक्त दान करने से बहुत सारी बीमारियों से बचा जा सकता है।
सभा में उपस्थित पुनीत पोडदार प्रेमसनस मोटर्स के सी०ई०ओ० एवं समाजसेवी ने कहा कि मैं इस आयोजन के लिए ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन के प्रयास की सराहना करता हूँ एवं बधाई देता हूँ।
सभा में उपस्थित संजय सराफ प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन महामंत्री ने कहा कि दादी प्रकाशमणि शक्तियों गुणों से भरपूर थी उन्होंने पूरा जीवन सबको दिया और देने की प्रेरणा हम सब में जगाया। दान और पुण्य में अंतर है कि दान में हम कोई वस्तु किसी दूसरे व्यक्ति को देते हैं जबकि पुण्य में हम दूसरों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उनके अनुसार उन्हें सहयोग देते हैं। पुण्य दूसरों के बारे में सोच कर किया जाता है।
सुनील कुमार गुप्ता पूर्व ईजीएम स्टेट बैंक ने कहा कि रक्त का दान करने के लिए सर्व प्रथम अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना आवश्यक है। कहा जाता है कि जो रक्त दान करते हैं उनका रक्त जमीन में नहीं गिरता है इसका अर्थ है उनका रक्त कभी बेकार नहीं जाता है। यह एक बहुत ही पुनीत कार्य है।
अनुरंजन झा कार्यपालक दंडाधिकारी ने कहा कि रक्त दान के लिए जागरूकता की आवश्यकता है। प्रकृति में दो ऊर्जा सदैव विद्यमान रहती हैं एक सकारात्मक और एक नकारात्मक । अगर सकारात्मक ऊर्जा काम नहीं करती है तो नकारात्मक ऊर्जा जरूर काम करती है। तो समाज में रक्त दान के बारे में जब तक सकारात्मक बातें नहीं होंगी तब तक नकारात्मक बातें होती रहेंगी। यह संस्था बहुत ही धन्यवाद की पात्र है बधाई की पात्र है कि जो समाज के लिए एक महान कार्य में योगदान दे रही है।
केन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन ने कहा कि रक्त का दान करूणा का दान है। यह हमें नहीं पता कि हमारा रक्त किनको मिलेगा। यह गुप्त दान महादान है निःस्वार्थ दान है। दादी जी स्वयं भी प्रकाश से भरी हुई थीं और देने की प्रेरणा उन्होंने समाज को दी। राजयोगिनी दादी प्रकाशमणि जी की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए ब्र०कु० निर्मला बहन ने आगे कहा दादी जी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की दूसरी मुख्य प्रशासिका रही हैं। जगदम्बा सरस्वती के बाद साकार में यज्ञ की प्रमुख दादी प्रकाशमणि रहीं। वे 1969 से 2007 तक संस्था की मुख्य प्रशासिका रहीं। इसी समय दादी जी के नेतृत्व में अनेक राजयोग केन्द्र खुले हैं। ब्रह्मा बाबा के अव्यक्त होने के बाद से दीदी मनमोहिनी जी के साथ दादी प्रकाशमणि जी माउन्ट आबू से ही यज्ञ की संभाल करने लगी। ब्रह्मा बाबा ने अव्यक्त होने से पहले दादी जी को अपनी समस्त जिम्मेवारी सौंप दी थी। दादी जी के समर्थ नेतृत्व में संस्था वृद्धि को पाया और कई देशों में सहज रीती से राजयोग सेवाकेन्द्र खुले। 2007 में 25 अगस्त को सुबह 10 बजे दादी जी ने अपना नश्वर देह का त्याग किया। दादी जी की याद में मधुवन में प्रकाश स्तम्भ बनाया गया है जिस पर दादी जी की शिक्षाएं अंकित की गई है। दादी जी का स्वभाव बहुत ही मधुर, सहनशील और सहकारी था। दादी अपना समय ईश्वरीय सेवाओं में व्यतीत करती और आध्यात्मिक संगोष्ठियों में भाग लेने, व्याख्यान देने, राजयोग सेवाकेन्द्र खोलने और यहां तक कि मधुवन में आने वालों के लिए भोजन तैयार करने में मदद करने जैसी यज्ञ की सभी सेवा करती थीं। सभी को एक माँ, एक मार्गदर्शक और एक प्रिय मित्र के रूप में दादी से प्यार रहता था। दादी जी सारे ब्रह्माण परिवार को अपना परिवार मानकर उनकी पालना करती थी। वह हमेशा कहतीं थीं “कोई भी अजनबी नहीं है हम सभी एक पिता की बच्चे हैं”। केवल एक शक्तिशाली आत्मा ही प्रेम दे सकती है। केवल एक शक्तिशाली आत्मा ही विनम्र होने का बल रखती है। अगर हम कमजोर हैं तो स्वार्थी हो जाते हैं। अगर हम खाली हैं तो लेते हैं, लेकिन अगर हम भरे हुए हैं तो हम स्वचालित रूप से सभी को देते हैं। यही हम शिव बाबा के बच्चों ब्राह्मणों की प्रकृति है। अगर आप मानते हो कि आप सभी के हैं और एक ट्रस्टी के रूप में हर किसी की देखभाल करते हैं तो आप श्रेष्ठ ईश्वरीय कार्यों को करने में सक्षम हैं। लगाव होने के बजाय निस्वार्थ प्रेम होना चाहिए।
डा० सुषमा कुमारी रिम्स ब्लड बैंक की मेडिकल ऑफिसर ने कहा कि आज दादी प्रकाशमणि जी के स्मृति दिवस में ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में रक्त दान शिविर का आयोजन किया गया है इसके लिए में ब्रह्माकुमारी निर्मला बहन को धन्यवाद देती हूं। इस आयोजन में भाग लेने वाले सभी रक्त दाताओं का आभार प्रकट करती हूं। क्योंकि इसके बजह से मैं रिम्स में भर्ती मरीजों की मदद कर पाऊंगी। रक्त दान से कई प्रकार का स्वास्थ्य लाभ होता है। यह मोटापा कम करने में सहायक है।
कार्यक्रम में गाईडेड मेडिटेशन कराया गया। सभा में कविता देवघरिया एवं उमेश कुमार सिंह रिम्स ब्लड बैंक के कार्यकर्ता भी उपस्थित थे। दिन भर रक्त दान शिविर में रक्त दाताओं का ताता लगा रहा। आननद पसारी प्रसिद्ध अधिवक्ता एवं समाजसेवी ने भी शिविर में उपस्थित होकर 140 वां बार रक्त दान किया। रिम्स के डॉक्टर, नर्स एवं अन्य मेडिकल स्टॉफ ने शिविर में अपना योगदान दिया। शिविर में 100 यूनिट के लगभग रक्त का दान किया गया। सभी रक्त दाताओं को पोषण सामग्री, रक्तदान संबंधी प्रमाण-पत्र रिम्स एवं ब्रह्माकुमारी संस्थान दोनों के द्वारा दिया गया।
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Brahmakumaris Ranchi

International Yoga Day , Brahmakumaris, Chaudhary Bagan ,Harmu Road, Ranchi

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Brahmakumaris Ranchi

Physiology Conclave on Role of Yoga and Meditation in Hypothyroidism, Brahmakumaris,

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